तुम्हें किसी-न-किसी बात पर रूठने के मौके तो मिलते ही होंगे – (क) अक्सर तुम किस तरह की बातों पर रूठती हो? (ख) माँ के अलावा घर में और कौन-कौन हैं जो तुम्हें मनाते हैं?
हम ऐसे कई त्योहार मनाते हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत पर बल देते हैं। ऐसे त्योहारों के बारे में और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में पता करके कक्षा में सुनाओ।
तुमने रामलीला के ज़रिए या फिर किसी कहानी के ज़रिए रामचंद्र के बारे में जाना-समझा होगा। तुम्हें उनकी कौन-सी बातें अच्छी लगीं?
नीचे दिए गए भाव कविता की जिन पंक्तियों में आए हैं, उन्हें छाँटो – (क) खिलौनेवाला साड़ी नहीं बेचता है। (ख) खिलौनेवाला बच्चों को खिलौने लेने के लिए आवाज़ें लगा रहा है। (ग) मुझे कौन-सा खिलौना लेना चाहिए – उसमें माँ की सलाह चाहिए। (घ) माँ के बिना कौन मनाएगा और कौन गोद में बिठाएगा।
‘मूँगफली ले लो मूँगफली! गरम करारी टाइम पास मूँगफली!’ तुमने फेरीवालों को ऐसी आवाज़ें लगाते ज़रूर सुना होगा। तुम्हारे गली-मोहल्ले में ऐसे कौन-से फेरीवाले आते हैं और वे किस ढंग से आवाज़ लगते हैं? उनका अभिनय करके दिखाओ। वे क्या बोलते हैं, उसका भी एक संग्रह तैयार करो।