एक सादा कमरा, दीवारों पर बाँस की चटाइयाँ। एक दीवार के सहारे माँस रखने की अलमारी। अलमारी के ऊपर एक रेडियो, चाय की केतली, कुछ कप और खाली गुलाबी फूलदान रखा है। कमरे के बीच फर्श पर एक चटाई बिछी है जिसके ऊपर कम ऊँचाई वाली गोल मेज रखी है। दो दरवाज़े। एक दरवाजा पीछे की ओर खुलता है और दूसरा एक किनारे की ओर। पंछियों के चहचहाने के साथ-साथ पर्दा उठता है। दूर कहीं मुर्गा बाँग देता है। कुत्ता भौंकता है। कहीं प्रार्थना की घटियाँ बजती हैं। कोको आता है, जम्हाई लेकर अपने को सीधा करता है। ऊपर लिखी पंक्तियों में कोको के घर के एक कमरे का वर्णन किया गया है। दरअसल नाटक के लिए मंच सज्जा कैसी हो यह निर्देश उसके लिए है। तुम इस वर्णन को पढ़कर उस मंच का एक चित्र बनाओ जो ठीक वैसा ही होना चाहिए जैसा कि बताया गया है।